पूजा के बाद जली हुई बाती कूड़े में फेकने की बजाय करें ये काम, बदल देगी किस्मत

भोपाल। सनातन धर्म में पूजा करने का बड़ा महत्व बताया गया है, जहां घरों में सुबह शाम धूप दिया बाती जलाकर ईश्वर को नमन किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार बिना दीपक जलाए पूजा अधूरी मानी जाती है, जिसके चलते पूजा में दीपक जलाया जाता है, लेकिन क्या आपको मालूम है कि दीपक जलाने के बाद बुझी हुई बाती को कूड़ेदान में बेकार नहीं फेंकना चाहिए और न ही इसे किसी जगह विसर्जित करना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार जली हुई बाती आपकी जिंदगी भी बदल सकती है, तो आईए जानते हैं दीपक की जली हुई बाती क्या काम आ सकती है और क्या करें।
पंडित कैलाश पांडे शास्त्री जी ने बताया कि शास्त्रों में लिखा है कि दीपक की जली हुई बाती सकारात्मक ऊर्जा देती है. इसलिए इसे बेकार जगह में नहीं फेंकना चाहिए। दीपक की जली हुई बाती 10 दिनों तक इकट्ठा करके 11 वें दिन एक दीपक में कपूर के साथ चार लोंग मिलाकर इन बाती को जलाना चाहिए और इससे निकलने वाला धुंआ पूरे घर को दिखाना चाहिए जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आएगी।
सनातन धर्म में जली हुई राख भवुति का भी बड़ा महत्व है, इसलिए कई जगह दरबार में आज भी निरंतर धूनिया जल रही हैं, श्रद्धालुओं के अनुसार भवुति लोगों के लिए चमत्कार का काम करती है और पर्यावरण सुरक्षित रहता है। पंडित ने बताया इसी तरह जली हुई बाती की भवुति संभाल कर रखना चाहिए और जब कोई भी व्यक्ति या घर का सदस्य अच्छे काम करने के लिए घर से निकलता हो तो उसका इससे तिलक कर विदा करने से सफलता जरूर मिलती है।
जली हुई बाती बच्चों की नजर उतारने का भी काम करती है, जली हुई बाती की राख घर के छोटे बच्चों के लिए वरदान है. जब बच्चों को नजर लग जाती है तो कई टोटके करनी पड़ते हैं. इसी में से एक है बच्चों की नजर उतारने के लिए जली हुई बाती की राख को शरीर के सामने से सात बार उतार कर बाती को किसी भी पेड़ की जड़ पर डाल दें, इससे बच्चे की नजर भाग जाती है। वही अगर राख ज्यादा हो जाए तो उसे किसी भी पेड़ की जड़ों में डालने से भी शुभ होता है। वही पर्यावरण सुरक्षित रहता है।
(Disclaimer: लेखक द्वारा उपरोक्त जानकारी धार्मिक आस्था लोक विश्वास पर आधारित है, इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।खबर युग उपरोक्त जानकारी की सत्यता का प्रमाण नही देता।)
Author: Admin
जन सरोकार, मुद्दे, राजनीति, मनोरंजन, ताजा घटनाएं भरोसेमंद और तथ्यपूर्ण खबरें, आम आदमी की आवाज जोर शोर से उठाकर प्रशासन सरकार तक पहुंचाने का प्रयास है खबर युग










