देश में आज से नया संचार कानून लागू होने जा रहा है, मोदी सरकार में पिछले साल संसद में यह अधिनियम पारित हो गया था जिसे आज 26 जून 2024 को लागू किया जा रहा है।

भोपाल।देश का नया दूरसंचार अधिनियम 2023, दूरसंचार कानून भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम 1885 और भारतीय वायरलेस टेलीग्राफ अधिनियम 1933 दोनों की जगह ले लेगा।
सरकारी अधिसूचना के मुताबिक ‘दूरसंचार अधिनियम, 2023 (2023 का 44) के तहत केंद्र सरकार 26 जून 2024 को वह तिथि निर्धारित करती है, जिस दिन उक्त अधिनियम की धारा 1, 2, 10 से 30, 42 से 44, 46, 47, 50 से 58, 61 और 62 के प्रावधान लागू होंगे।’ 26 जून से प्रभावी होने वाला यह नियम सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों या युद्ध की स्थिति में किसी भी या सभी दूरसंचार सेवाओं या नेटवर्क का नियंत्रण और प्रबंधन अपने हाथ में लेने की अनुमति देगा।
नए कानून के तहत लोगों को अपने नाम पर अधिकतम 9 सिम कार्ड पंजीकृत कराने की अनुमति रहेगी। जबकि जम्मू-कश्मीर या पूर्वोत्तर में रहने वाले लोग अधिकतम छह सिम कार्ड ही रख सकते हैं। वही अधिकतम सीमा से अधिक सिम का उपयोग करने वाले व्यक्ति को पहली बार उल्लंघन के लिए 50,000 रुपये और उसके बाद के उल्लंघन के लिए 2 लाख रुपये का जुर्माना भरना होगा।
इसके अलावा, अगर कोई व्यक्ति दूसरों को धोखा देकर, उनके पहचान दस्तावेजों का उपयोग करके सिम कार्ड प्राप्त करता है, तो उसे तीन साल तक की कैद, 50 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों का सामना करना पड़ सकता है।उपयोगकर्ता की सहमति के बिना भेजे गए वाणिज्यिक संदेशों के कारण संबंधित ऑपरेटर को 2 लाख रुपये तक का भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है और उसे कोई भी सेवा प्रदान करने से प्रतिबंधित किया जा सकता है।
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नए कानून में सरकार को दूरसंचार कंपनियों को निजी संपत्तियों पर मोबाइल टावर लगाने या दूरसंचार केबल बिछाने की अनुमति देने की है। जबकि ऐसा तब भी किया जा सकता है जब भूमि मालिक इसके खिलाफ हो जब तक कि अधिकारी इसे जरूरी मानते हों।
नए कानून में जब राष्ट्र की सुरक्षा खतरे में हो या आपातकालीन परिदृश्यों के दौरान एक अन्य प्रावधान है जो सरकार को संदेशों के प्रसारण और कॉल इंटरैक्शन को अवरुद्ध करने और नियंत्रित करने के लिए दूरसंचार सेवा को बाधित करने की शक्ति देता है।समाचार उद्देश्यों के लिए राज्य और केंद्रीय मान्यता प्राप्त पत्रकारों द्वारा भेजे गए संदेशों को निगरानी से छूट दी गई है, लेकिन मान्यता प्राप्त पत्रकारों की कॉल और संदेशों की निगरानी की जा सकती है और उन्हें ब्लॉक किया जा सकता है यदि उनकी समाचार रिपोर्टों को देश की सुरक्षा के लिए संभावित खतरे के रूप में देखा जाता है।
Author: Admin
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