अदालत में चल रहा था केस, भ्रष्टाचार से हो गई बिक्री, नामांतरण भी…
• विवादित भूमि पर धड़ल्ले से चल रहा खरीद बिक्री का खेल
भोपाल। कई विवादों में उलझी हुई एक शत्रु संपत्ति का आसानी से सौदा भी हो गया और इसी रफ्तार से इसका नामांतरण भी कर दिया गया। विवादों के बीच चल रहे अदालती मामलों को इस दौरान भ्रष्टाचार से दबा दिया गया है।
मामला राजधानी भोपाल के वीआईपी रोड पर स्थित खसरा नंबर 78 का है। शत्रु संपत्ति में शामिल इस जमीन पर बसा हुआ है नशेमन नामक आलीशान भवन। सूत्रों का कहना है कि सन 1974 में इस भूमि को लेकर अदालत में केस दर्ज किया गया था।
इस दौरान प्रकरण क्रमांक 53A/74 बेगम सुरैया रशीद w/o रशीद उज्जफर विरुद्ध बेगम साजिदा सुल्तान प्रचलन में था। हाइकोर्ट में प्रचलित यह प्रकरण आज भी चलन में है और इस पर किसी तरह का फैसला नहीं लिया गया है।
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कैसे हुआ नामांतरण
सूत्रों का कहना है कि अदालत में केस के प्रचलित होने के बावजूद इस जमीन पर स्थित मकान नशेमन का सौदा दर्शाया गया है। साथ ही इसका नामांतरण सौलत बसीर के नाम पर कर दिया गया है। नामांतरण की इस कार्यवाही में तहसीलदार द्वारा आर्थिक भ्रष्टाचार करने की बात कही जा रही है। साथ ही इसे न्यायालय की अवमानना मानते हुए सभी पक्षों के खिलाफ कार्यवाही की मांग उठाई जा रही है। इस मामले से जुड़े सभी अधिकारी भी बराबर के दोषी माने जा रहे हैं। इनके लिए अधिक सजा मुकर्रर की जाना चाहिए, क्योंकि अदालती मामले को जानते हुए जानबूझकर नामांतरण की प्रक्रिया को अंजाम दिया गया है।
अभी तय नहीं जगह किसकी
सूत्रों का कहना है वर्ष 1974 से अदालती मामलों में उलझे खसरा नंबर 78 के वास्तविक मालिक अब तक तय नहीं हुआ है। खसरों के मुताबिक वर्ष 2024 तक बेगम साजिदा सुल्तान इस संपत्ति की मालिक हैं। अब 2025 में इसके लिए हिबानामा या इनायतनामा किस तरह तैयार हो सकता है, इस बात के सवाल बाजार में लहरा रहे हैं।
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Author: Admin
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