रावतपुरा सरकार पर FIR दर्ज,35 अन्य लोग भी शामिल, जाने क्यों पीछे पड़ी है CBI

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मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध आध्यात्मिक संत रविशंकर महराज रावतपुरा सरकार पर FIR दर्ज हुई है. CBI ने रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन रविशंकर महाराज के खिलाफ FIR दर्ज की जिसमें उनके खिलाफ ये FIR कॉलेज को मान्यता देने और सीटें बढ़ाने के लिए नेशनल मेडिकल काउंसिल की टीम को रिश्वत देने के मामले में दर्ज कराई गई है.CBI टीम ने बीते 1 जुलाई को कर्नाटक, मध्यप्रदेश,  छत्तीसगढ़, राजस्थान,उत्तर प्रदेश और दिल्ली समेत 6 राज्यों में कार्रवाई की है.

 

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जानकारी अनुसार CBI को लंबे समय से शिकायत मिल रही थी कि NMC के कुछ अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग करते हुए रिश्वत लेकर निजी मेडिकल कॉलेजों की मान्यता रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं. इसी सूचना के आधार पर CBI ने ट्रैप तैयार किया और बेंगलुरू में इंस्पेक्शन टीम के एक डॉक्टर को 55 लाख रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया. वैसे रावतपुरा सरकार की मुश्किलें यहीं खत्म होती नहीं दिख रही है. रायपुर स्थित रावतपुरा सरकार के इस मेडिकल कॉलेज का जीरो ईयर भी घोषित किया जा सकता है. इस पूरी जांच में श्री रावतपुरा समेत आठ राज्यों के मेडिकल कालेज प्रबंधन से पैसे लेकर मान्यता देने का मामला सामने आया है.

 

सीबीआई द्वारा दर्ज FIR अनुसार यह गिरोह मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान समेत कई राज्यों में चल रहा था। सीबीआई ने 7 राज्यों के 36 डॉक्टर-अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

 

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जानकारी के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अफसर ने 75 लाख की घूस लेकर राजस्थान के सवाई माधोपुर में हनुमान मंदिर का निर्माण कराया। वहीं रावतपुरा मेडिकल कॉलेज आई एनएमसी की टीम के प्रमुख डॉ. मंजप्पा को सीधे पैसे ऑफर किए गए। इस पैसे को बांटने का जिम्मा डॉक्टर मंजप्पा ने डॉक्टर सतीश को दिया गया।

 

इस मामले में 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। रायपुर के सीबीआई दफ्तर में इनसे पूछताछ की जा रही है। सीबीआई यहां पर 7 जुलाई तक पूछताछ करेगी। यह मामला मेडिकल कॉलेजों के निरीक्षण प्रक्रिया में गड़बड़ी, फर्जी फैकल्टी की नियुक्ति और बायोमेट्रिक रिकॉर्ड में हेरफेर से जुड़ा है।

 

मेडिकल कॉलेज में ऐसे हुआ घटनाक्रम

 

नेशनल मेडिकल कमीशन की टीम 30 जून को रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंस रिसर्च सेंटर पर पहुंची थी। यह संस्थान नवा रायपुर में स्थित है। इंस्पेक्शन टीम में 4 सदस्य थे।

 

डायरेक्टर द्वारा पैसों का ऑफर

 

मेडिकल कालेज के डायरेक्टर अतुल कुमार तिवारी ने इंस्टीट्यूशन के फेवर में रिपोर्ट बनाने के लिए जांच टीम को पैसों का ऑफर किया। यह ऑफर सीधे डॉक्टर मंजप्पा को दिया गया था। डॉ. मंजप्पा मांड्या इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस बेंगलुरु में ऑर्थोपेडिक्स डिपार्टमेंट के मुखिया और साथ ही एनएमसी जांच दल के प्रमुख हैं।

 

हवाला ऑपरटेर के जरिए मिली लाखों की रकम

 

डॉ. मंजप्पा ने डॉ. सतीश ए को हवाला ऑपरेटर से 55 लाख रूपए लेने के निर्देश दिए। टीम की सदस्य डॉक्टर चैत्रा और टीम के दूसरे सदस्य को भी इस बात के लिए मनाया। उन्हें बताया कि उनका कमीशन डॉक्टर सतीश उनके घर पर डिलीवर कर देंगे। यह पूरी डील 30 जून को ही हो गई थी। डॉ. मंजप्पा ने सतीश ए को यह भी बताया कि उन्हें हवाला ऑपरेटर से एक कॉल आएगा कि राशि कैसे कलेक्ट करनी है।

 

CBI कर रही थी ट्रैप

 

डॉ. मंजप्पा ने निरीक्षण दल की एक अन्य सदस्य डॉ. चैत्रा से भी बात की। उन्हें बताया कि उनका हिस्सा सतीश ए उनके निवास पर पहुंचवाएंगे। CBI लंबे समय से NMC और उससे जुड़े लोगों को ट्रैप कर रही थी। केस फाइल करने के बाद सभी आरोपियों को पकड़ने के लिए बेंगलुरु में जाल बिछाया। यहां से 55 लाख रुपए की रिश्वत की रकम बरामद की।रिश्वत की कुल रकम में से 16.62 लाख रुपए डॉ. चैत्रा के पति रविन्द्रन से और 38.38 लाख रुपए डॉ. मंजप्पा के सहयोगी सतीश ए से बरामद किए गए। 1 जुलाई 2025 को सीबीआई ने डॉ. मंजप्पा, डॉ. चैत्रा, डॉ. अशोक, अतुल कुमार तिवारी को रायपुर से गिरफ्तार किया गया। वहीं बेंगलुरु से सतीश ए और रविचंद्रन को भी गिरफ्तार कर रायपुर लाया गया। 2 जुलाई को सभी को रायपुर के स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया।

 

7 राज्यों के 36 लोगों पर एफआईआर

 

प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की जांच और मान्यता देने की प्रक्रिया को लेकर एक बड़ा घोटाला सामने आया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने रायपुर के रावतपुरा सरकारी मेडिकल कॉलेज समेत यूपी, गुजरात, आंध्रप्रदेश, राजस्थान समेत 7 राज्यों के 36 आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज की है।

 

इनमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) के अधिकारी, डॉक्टर, प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों के अधिकारी और डील करवाने वाले दलाल शामिल हैं। वहीं घूसखोरी में शामिल एक डॉक्टर को नेशनल मेडिकल काउंसिल NMC ने ब्लैकलिस्ट किया है। आरोप है कि मंत्रालय के अधिकारियों ने कॉन्फिडेंशियल डॉक्यूमेंट और संवेदनशील जानकारी को लीक किया और प्राइवेट कॉलेजों के निरीक्षण प्रक्रिया में हेरफेर किया।

 

स्वास्थ्य मंत्रालय अधिकारी पर गोपनीय जानकारी देने का आरोप

 

सूत्रों के अनुसार विशाखापट्नम के गायत्री मेडिकल कॉलेज को NMC से मंजूरी दिलाने के बदले 2.5 करोड़ की रिश्वत ली गई, जिसे दिल्ली हवाला चैनल से भेजा गया। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी चंदन कुमार ने मंत्रालय की गोपनीय जानकारी गीतांजलि यूनिवर्सिटी, उदयपुर के रजिस्ट्रार मयूर रावल को दी। मयूर रावल ने टेक-इन्फी सॉल्यूशन्स के आर. रणदीप नायर के साथ मिलकर कई कॉलेजों को जांच की जानकारी पहले ही दे दी, ताकि वे भी फर्जी तैयारी कर सकें। इस मामले में स्वामीनारायण इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (गुजरात), नेशनल कैपिटल रीजन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (मेरठ), और अन्य कॉलेजों ने फर्जीवाड़ा कर रिपोर्ट अपने फेवर में बनवाई है।

 

केंद्रीय स्वास्थ्य अधिकारियों पर एफआईआर

 

1. डॉ. जीतूलाल मीणा – नेशनल हेल्य अथॉरिटी के संयुक्त संचालक

2. पूनम मीणा – राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की अधिकारी

3. धरमवीर – राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधिकारी

4. पीयूष माल्याण – सेक्शन ऑफिसर, राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय

5. अनूप जायसवाल – राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधिकारी

6. राहुल श्रीवास्तव – राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधिकारी

7. चंदन कुमार – राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधिकारी

8. दीपक

9. मनीषा

 

इनके खिलाफ भी एफआईआर

 

मयूर रावल – रजिस्ट्रार, गीतांजलि यूनिवर्सिटी, उदयपुर

रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च, रायपुर

रविशंकर महाराज – चेयरमैन, इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च, रायपुर

अतुल तिवारी – निदेशक, इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च, रायपुर

डॉ. अतिन कुंडु – इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च, रायपुर

लक्ष्मीनारायण चंद्राकर- अकाउंटेंट, इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च, रायपुर

संजय शुक्ला – इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च, रायपुर

डॉ. मंजप्पा – इंस्पेक्शन टीम के प्रमुख

डॉ. चैत्रा – इंस्पेक्शन टीम की सदस्य

 

कौन है रावतपुरा सरकार

 

संत रविशंकर महाराज रावतपुरा सरकार बुंदेलखंड के एक प्रसिद्ध संत हैं। जो श्री रावतपुरा सरकार लोक कल्याण ट्रस्ट के संस्थापक भी हैं। उनका आश्रम मध्य प्रदेश के रावतपुरा गांव में स्थित है।  एमपी के भिंड जिले के लहार में रावतपुरा सरकार मंदिर स्थित है। रावतपुरा में हर रोज हजारों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं।

गुरु पूर्णिमा और अन्य अवसरों पर यह संख्या लाखों में पहुंच जाती है। राजनीतिक तौर पर मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़, राजस्थान और यूपी तक में रावतपुरा सरकार का असर है। हर बड़ी पार्टी का छोटा-बड़ा नेता यहां नतमस्तक हो चुके है। संत रविशंकर महाराज को बुंदेलखंड में रावतपुरा सरकार के नाम से

 

अन्य स्त्रोत https://www.google.com/url?sa=t&source=web&rct=j&opi=89978449&url=https://mpcg.ndtv.in/chhattisgarh-news/fir-filed-against-famous-saint-rawatpura-sarkar-in-medical-college-recognition-bribe-8823967&ved=2ahUKEwiA3p3G8aSOAxWMR2wGHZ5QNIgQFnoECCgQAQ&usg=AOvVaw2WXnLKpFT8I85RmWoyQdGU

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