स्टेट म्यूजियम में गूंजा लोक गायन… गीत संगीत से सजी शाम, हुआ युग कालीन सिक्कों की प्रदर्शनी का समापन 

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स्टेट म्यूजियम में गूंजा लोक गायन… गीत संगीत से सजी शाम, हुआ युग कालीन सिक्कों की प्रदर्शनी का समापन 

 

भोपाल। श्यामला हिल्स सुरम्य पहाड़ियों पर बसे राज्य संग्रहालय की दहलीज पर एक संगीत भरी शाम की सौगात आई। गत एक सप्ताह से जारी युगकालीन सिक्कों की प्रदर्शनी के समापन अवसर को इस खास रंगत के साथ सजाया गया था। भक्ति गीतों से हुई शुरुआत के बीच गणतंत्र पर्व को समर्पित देशभक्ति गीत भी यहां लहराए। बाद में लोक गीत और लोक नृत्य से भी मौजूद श्रोता और दर्शक झूमते नजर आए। इस संगीतभरी खास प्रस्तुति के लिए उत्तर प्रदेश से प्रसिद्ध लोक गायक सुरेश कुशवाह और उनकी टीम भोपाल पहुंची थी।

पुरातत्व संचालनालय व अभिलेखागार एवं संग्रहालय भोपाल ने डॉ विष्णु श्रीधर वाकणकर पुरातत्व एवं शोध संस्थान के साथ यह आयोजन किया था। जिसके अंतर्गत अश्विनी शोध संस्थान महिदपुर(उज्जैन) ने युग युगीन सिक्कों की प्रदर्शनी और इसी पर आधारित व्याख्यान माला का आयोजन किया था। एक सप्ताह के इस आयोजन का मकसद नई पीढ़ी को अपने देश और प्रदेश की विरासत से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों से वाकिफ कराना था। कार्यक्रम के समापन सत्र में आयोजित सांस्कृतिक संध्या का आगाज संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला ने किया। कार्यक्रम में संस्कृति सचिव और पुरातत्व विभाग की आयुक्त श्रीमती उर्मिला शुक्ला, निदेशक डॉ पूजा शुक्ला भी अतिथियों में शामिल थीं।

 

व्याख्यान माला में रेखांकित हुए सिक्के

कार्यक्रम के प्रारंभ में आयुक्त उर्मिला शुक्ला ने द्वारा युग-युगीन सिक्कों की प्रदर्शनी और इस पर आधारित व्याख्यान माला के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। ये सिक्के अश्विनी शोध संस्थान महिदपुर के संग्रह से लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सिक्के समसामयिक, ऐतिहासिक, सामाजिक, धार्मिक एवं आर्थिक अध्ययन के महत्वपूर्ण स्त्रोत के रूप में जीवंत प्रमाण हैं। यहां प्रदर्शित सिक्के भारत की प्राचीनतम निष्क के रूप में प्रचलित प्राचीनतम सिक्कों से लेकर आहत मुद्राएं, बेंट बार सिक्के, कुषाण, शक क्षत्रप, गुप्तकालीन, स्वर्ण मुद्राएं, मध्यकालीन, चौहान, चाणक्य, परमार कालीन सिक्के, मुगल शासक जहाँगीर के सिक्के एवं देशी रिसायत के सिक्के प्रदर्शित हैं। जिनमें गुप्त शासक राम गुप्त के सिक्के एवं पर्यावरण के संदेश देते बाग के मध्य नहर युक्त एवं मत्स्य, कच्छप आदि अंकित सिक्के, शिव के महाकाल स्वरूप के अंकन युक्त सिक्के शामिल हैं।

 

छाया संगीत का जादू 

सुरेश कुशवाहा हिन्दी गीत, गजल, भजन गायन के क्षेत्र में लब्ध प्रतिष्ठित गायक हैं। कुशवाहा एवं उनके दल द्वारा कार्यक्रम के आरम्भ में साहिल कुमार द्वारा श्रीराम पर आधारित भजन का गायन किया गया। इसके बाद मध्यप्रदेश की संस्कृति पर आधारित भजन का गायन किया गया। कलाकारों ने भारतीय संस्कृति पर आधारित लोक गीत गाए गए। लोक नृत्य की प्रस्तुति की श्रृंखला में लोक गायिका जया ने एक से एक गीत प्रस्तुत किए और उपस्थित श्रोताओं और दर्शकों की वाह-वाही लूटी।

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