कर्कश जमीन से उपजा एक मखमली फूल, “इबारत” ने लिया आकार, 23 को होगा विमोचन

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कर्कश जमीन से उपजा एक मखमली फूल, “इबारत” ने लिया आकार, 23 को होगा विमोचन

भोपाल। आमतौर पर पुलिस महकमे से जुड़े लोगों को उनकी कर्कषता, सख्त व्यवहार, बेदिली से जोड़कर देखा जाता है। लेकिन इस विभाग से जुड़े कुछ लोगों का साहित्य रुझान भी देखा जा सकता है। ऐसे ही एक पुलिस अधिकारी ने अदब की महफिलों से नाता रखते हुए सफर यहां तक पहुंचाया कि अब एक संकलन के साथ मंजर ए आम पर है। इस काव्य संग्रह का विमोचन 23 नवम्बर को होगा। प्रदेश के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल की मौजूदगी में होने वाले इस आयोजन के दौरान एक मुशायरा भी आयोजित किया जाएगा।

जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और नगर निगम के संयुक्त आयोजन के दौरान काव्य संग्रह इबारत का विमोचन किया जाएगा। इस पुस्तक में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी डॉ महेंद्र सिंह सिकरवार ” समीर” की कविताओं और गजलों को समेटा गया है। पुलिस की व्यस्तता भरी जिंदगी से कुछ समय खुद के लिए संजोकर डॉ सिकरवार ने इन कविताओं और गजलों को मूर्त रूप दिया है। कार्यक्रम 23 नवम्बर को रीवा के कृष्ण राज कपूर ऑडिटोरियम में शाम 7 बजे होगा। इसके मुख्य अतिथि के रूप में डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल मौजूद रहेंगे।

 

सजेगी मुशायरा महफिल 

इस मौके पर एक महफिल ए खास भी आयोजित की जाएगी। जिसमें देश के नामवर शायर अपना कलाम पेश करेंगे। इनमें मंजर भोपाली, डॉ विष्णु सक्सेना, कर्नल वीपी सिंह, सरिता शर्मा, डॉ महेंद्र सिंह “समीर” मदन मोहन समर, डॉ अंजुम बाराबंकवी, नदीम फर्रूख, पपलू लखनवी, डॉ महताब आलम, डॉ भुवन मोहिनी, जफर सहबाई, अमित शुक्ला आदि शामिल रहेंगे।

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