नाम के ही नहीं अब काम के भी ट्रिपल एस…!
😇चकरघिन्नी. कॉम😇
✍️खान आशु
कुछ पाने के लिए कुछ करके दिखाना होता है…! उन्होंने करके दिखाया है…! संस्कृति में भी, पर्यटन में भी, स्वराज संस्थान में और भारत भवन में भी…! दर्जन भर विभागों से भरी झोली को और लबरेज कर दिया गया है, सरकार के सबसे मजबूत दूसरे नंबर के विभाग गृह की चाबी भी उनकी हथेली पर रख दी गई है…!
नाम में ट्रिपल एस की विलक्षणता बनी तो उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों में विलक्षण रूप दिखाया…! राजधानी के प्रथम नागरिक होने का दायित्व बखूबी निभाया…। जब प्रशानिक बागडोर थामी तो यहां भी सफलता के झंडे गाड़ते गए…! सांस्कृतिक मंच से लेकर प्रदेश की धरोहर माने जाने वाले पर्यटन में चार चांद लगाने से पीछे नहीं रहे…! स्वराज संस्थान और भारत भवन जैसी प्रतिष्ठा भरी संस्थाओं को भी उरूज़ पर पहुंचाया…!
गृह विभाग में किसी संवेदनशील व्यक्ति की ही जरूरत थी..! मुखिया जी ने अपने मजबूत हाथ के रूप में ट्रिपल एस को चुना है…! वह, उनका निर्णय गलत साबित नहीं होगा, इसका विश्वास किया जा सकता है…!
पुछल्ला
आदेश की तामील कब होगी?
बुरा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसी लक्ष्य ने मछली परिवार के करीब 100 करोड़ के साम्राज्य को जमींदोज कर दिया। एक ऐसा ही आदेश शहर की खसरा नंबर 78 की शत्रु संपत्ति पर बसे एक भवन के लिए भी किए हुए हैं। आदेश के पालन में देरी का कारण बने भ्रष्ट अधिकारियों कर्मचारियों पर भी कार्यवाही की दरकार की जा रही है।
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Author: Admin
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