राष्ट्रीय युवा दिवस विशेष: भारतीय संस्कृति और संस्कारों के संरक्षण के अग्रदूत बनें युवा

Reading Time: 5 minutes

राष्ट्रीय युवा दिवस विशेष: भारतीय संस्कृति और संस्कारों के संरक्षण के अग्रदूत बनें युवा

 

दीपेश कुमार अहिरवार

भारत का युवा वर्ग न केवल समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा है, बल्कि स्वामी विवेकानंद के विचारों के अनुसार यह देश के भविष्य को आकार देने में अहम भूमिका निभाता है। इनके उभरने से देश को ना सिर्फ तरक्की मिलती है, बल्कि देश की संस्कृति, संस्कारों और विभिन्न क्षेत्रों का विकास भी इन्हीं के क्रियाकलापों से तय होता है। देश के इन युवाओं के उचित मार्गदर्शन और प्रेरणा के लिए सन् 1985 से प्रत्येक वर्ष 12 जनवरी को युवा प्रेरणा के प्रतीक स्वामी विवेकानंद का जन्मदिन राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में युवाओं को प्रेरित करने और राष्ट्र निर्माण की दिशा में मार्गदर्शन देने के उद्देश्य से मनाया जाता है । स्वामी विवेकानंद अपने व्यक्तित्व, विचारों और अपने राष्ट्र प्रेम के आदर्शों के लिए पूरी दुनिया में पहचाने जाते हैं, वह भारत के ऐसे संस्कृति प्रतिनिधि थे, जिन्होंने युवाओं में वीरता और साहस का भाव जगाते हुए डर एवं कमजोरी को पाप कहा और अपनी आध्यात्मिक प्रेरणा से उनमें आत्मविश्वास जाग्रत किया। उन्होंने अपने विचारों और आदर्शों से न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया में लोगों को प्रेरित किया। उनका मानना था कि युवा समाज के निर्माण में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने युवाओं में साहस, आत्मविश्वास और राष्ट्रप्रेम का भाव जगाया। उनका कहना था, “उठो, जागो और तब तक मत रुको, जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो।” स्वामी विवेकानंद ने अपने विचारों से यह सिखाया कि सफलता का मूल आधार शिक्षा, चरित्र बल और परिश्रम है। आज के वर्तमान परिदृश्य में भी हमें यह समझना होगा कि युवा, राष्ट्र और समाज के प्राण होते हैं, और उनकी ऊर्जा और उत्साह सही दिशा में प्रयोग होने पर समाज को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जा सकता है।

वर्तमान में समय बदलने के साथ तकनीक, वैश्वीकरण और आधुनिकता ने युवाओं को नई संभावनाओं और अवसरों से परिचित कराया है, जिससे इनकी सफलता के मायने भी बदल गए हैं । यदि इन अवसरों का सही दिशा में उपयोग किया जाए और युवा अपनी वास्तविकता को पहचानें, तो यह बदलाव सकारात्मक रूप से उनके जीवन में नए आयाम जोड़ सकता है। युवाओं को यह समझना होगा कि केवल आर्थिक सफलता व दिखावटी उपलब्धियों को ही सब कुछ मान लेना सही दृष्टिकोण नहीं है, बल्कि असल जीवन परिश्रम, धैर्य और सकारात्मक सोच के साथ नैतिक मूल्यों, सामाजिक जिम्मेदारी और मानसिक संतुलन के साथ सामंजस्य से अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में निहित है । यदि वे सकारात्मक सोच, सशक्त चरित्र और जिम्मेदारी के साथ आगे बढ़ें, तो आधुनिकता और तकनीक का प्रभाव उनके जीवन को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकता है।

 

युवा शक्ति का सदुपयोग

राष्ट्र निर्माण में युवाओं की अहम जिम्मेदारी और अवसर

स्वामी विवेकानंद के आदर्शों और विचारों को ध्यान में रखते हुए, युवाओं के लिए राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका को समझना और उसे निभाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। युवाओं को अपनी ऊर्जा और साहस का सही दिशा में उपयोग करना चाहिए, ताकि वे अपने राष्ट्र को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकें और उनकी जिम्मेदारी केवल अपनी व्यक्तिगत सफलता तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि उन्हें समाज और राष्ट्र की भलाई में भी योगदान देना चाहिए। इसके लिए निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान देना आवश्यक है:

 

शिक्षा और अनुभव से सीखना शिक्षा को केवल पाठ्यक्रम तक सीमित समझें, बल्कि इसे वास्तविक जीवन के अनुभवों से जोड़ना जरूरी है। युवाओं को यह समझना होगा कि किताबों में दी गई जानकारी को वे कैसे व्यावहारिक जीवन में लागू कर सकते हैं। इसके लिए कार्यशालाओं, इंटर्नशिप, और स्वयंसेवक कार्यों में भाग लेकर अनुभव प्राप्त किया जा सकता है। यह न केवल कौशल को बढ़ाता है, बल्कि समाज की सेवा में भी योगदान देता है।

महिला सम्मान और सुरक्षा: युवाओं को महिलाओं के सम्मान और उनकी सुरक्षा के प्रति जिम्मेदार होना चाहिए । यह केवल कानूनी जिम्मेदारी नहीं, बल्कि एक सामाजिक और नैतिक दायित्व भी है। युवाओं को महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करना और उनके लिए सुरक्षित और समान वातावरण का निर्माण करना चाहिए।

 

व्यक्तित्व विकास और कौशल प्रशिक्षण

शैक्षिक योग्यता के साथ-साथ युवाओं का व्यक्तित्व विकास भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। आत्मनिर्भर बनने के लिए नेतृत्व क्षमता, संवाद कौशल, और तकनीकी ज्ञान का विकास करना आवश्यक है। यह उन्हें न केवल व्यक्तिगत बल्कि पेशेवर जीवन में भी सफलता की दिशा में मार्गदर्शन करेगा।

 

समाज और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी

युवा अपने समय का सदुपयोग समाज में जागरूकता लाने और पर्यावरण संरक्षण के कार्यों में कर सकते हैं। समाज के प्रति जिम्मेदारी का अहसास और पर्यावरण की रक्षा की दिशा में योगदान करने से वे राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

राजनैतिक जागरूकता विकसित भारत @2047 के लक्ष्य को हासिल करने के लिए युवाओं को राजनीति और सरकार की प्रक्रियाओं के प्रति जागरूक होने के प्रयास करना चाहिए। सही जानकारी, तर्कपूर्ण सोच, और संवाद कौशल के माध्यम से युवा राजनीति के माध्यम से देश की प्रगति में योगदान दे सकते हैं। इससे न केवल राष्ट्र निर्माण में मदद मिलेगी, बल्कि एक जागरूक और सशक्त नागरिक समाज की नींव भी रखी जाएगी।

 

साइबर सुरक्षा और AI का सदुपयोग

डिजिटल युग में साइबर अपराधों का बढ़ना एक गंभीर चिंता का विषय है। युवाओं को साइबर सुरक्षा के महत्व को समझना चाहिए, जैसे पासवर्ड सुरक्षा, गोपनीयता, और सुरक्षित नेटवर्क उपयोग । इसके माध्यम से युवा अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं और समाज में जिम्मेदार डिजिटल नागरिक बन सकते हैं। इसके साथ ही, AI का सही दिशा में उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्रों में नए अवसर उत्पन्न कर सकता है। हालांकि, इसका उपयोग जिम्मेदारी से किया जाना चाहिए, ताकि इसका प्रभाव सकारात्मक हो और समाज में लाभकारी बदलाव आए।

 

अपने रोल मॉडल का सही चुनाव

हमारी आदतें और पसंद अक्सर हमारे रोल मॉडल से मिलती हैं, यही कारण है कि रोल मॉडल हमारी असली क्षमता को पहचानने में मदद करता है और जीवन में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित करता है। इसलिए युवाओं को अपने रोल मॉडल का चयन करते समय यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह उनके लक्ष्यों की प्राप्ति में सहायक हो न कि लक्ष्यों से भटकाने वाला। ध्यान रखें कि सही व्यक्ति की संगत ही समाज और राष्ट्र के लिए एक सकारात्मक उदाहरण प्रस्तुत कर सकती है।

 

उपरोक्तानुसार स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को अपनाकर, हम न केवल अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं, बल्कि हमारे सामूहिक प्रयास राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। स्वामी विवेकानंद के विचारों और आदर्शों से प्रेरित होकर, हमें यह समझना होगा कि हमारी संस्कृति, संस्कार और नैतिक मूल्य ही हमारे समाज और राष्ट्र की वास्तविक शक्ति हैं। यह दिवस हमें यह अहसास दिलाता है, कि युवा शक्ति का सदुपयोग राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाता है, और यदि वे स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को अपनाकर, सकारात्मक सोच और जिम्मेदारी के साथ कार्य करते हैं, तो वे न केवल अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं, बल्कि समाज और राष्ट्र की प्रगति में भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।

(लेखक युवा समाजसेवी हैं। वे राष्ट्रपति पुरस्कार (इंदिरा गांधी राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार) से सम्मानित हैं)

==============

Admin
Author: Admin

जन सरोकार, मुद्दे, राजनीति, मनोरंजन, ताजा घटनाएं भरोसेमंद और तथ्यपूर्ण खबरें, आम आदमी की आवाज जोर शोर से उठाकर प्रशासन सरकार तक पहुंचाने का प्रयास है खबर युग

Leave a Comment

और पढ़ें