जमाल, कमाल, नामाल… अपने अंदर अंदर उतार लें, मुकम्मल ईमान में आ जाओगे : शहर काजी

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जमाल, कमाल, नामाल… अपने अंदर अंदर उतार लें, मुकम्मल ईमान में आ जाओगे : शहर काजी

 

खान आशु

भोपाल। ईमान का मुकम्मल होना इंसान की कामयाबी के लिए जरूरी है। ईमान को मुकम्मल होने के लिए तीन जरूरी चीजें हैं, इंसान इनको अपने अंदर उतार लें तो ईमान के मुकम्मल होने की गारंटी है। इन तीन चीजों में जमाल, कमाल, नामाल जैसी शिफत शामिल हैं।

 

काजी ए शहर सैयद मुश्ताक अली नदवी ने शुक्रवार को जुमा की नमाज से पहले अपनी तकरीर में यह बात कही। वे राजधानी की मोती मस्जिद में बयान कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने ईमान की मिठास कैसे हासिल करें, विषय पर बात कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने जमाल, कमाल, नामाल को लेकर विस्तृत व्याख्या की। शहर काजी ने कहा कि जमाल के मायने खूबसूरती के होते हैं। खूबसूरती सबको पसंद होती है। जिस तरह हर इंसान खुबसूरती पसंद करता है उसी तरह रूह की खूबसूरती का ख्याल भी रखा जाना चाहिए। शहर काजी ने अच्छे आमाल और नामाल को भी ईमान के पुख्ता होने के लिए जरूरी बताया। उन्होंने पैगंबर हजरत मुहम्मद के जीवनकाल को लेकर कई उदाहरण देते हुए सभी को कुरआन की सीख और पैगंबर मुहम्मद के बताए रास्तों पर चलने की ताकीद की।

 

नमाज और कुरान में दिल नहीं लगता तो आप बीमार हैं 

शहर काजी ने कहा कि हर इंसान को नमाज की पाबंदी और कुरआन की तिलावत में दिल लगाना चाहिए। उन्होंने दावे के साथ कहा कि अगर कोई इंसान इन कामों में दिल नहीं लगता है तो वह मान ले कि वह सख्त बीमार है। जरूरी है कि वह इसका इलाज करवाए। शहर काजी ने अपनी बात खत्म करने से पहले शहर, प्रदेश, देश और दुनिया में अमन की दुआ करवाई। नमाज ए जुमा में बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।

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भोपाल से खान आशु की रिपोर्ट

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